पन्नाधाय जीवन अमृत योजना क्या है
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पन्नाधाय जीवन अमृत योजना के अन्तर्गत बीमीत परिवारों के मुखिया की मृत्यु होन पर 30,000 रूपये देने का प्रावधान किया गया है ।तथा दुद्र्यटना मृत्यु कीस्थिति में 75,000 रूपये देने का प्रावधान किया गया है । इस योजना में शारीरिक अपंगता होने पर भी सहायता राशि भुगतान करने प्रावधान है । बीमित सदस्य के कक्षा 9 से 12 तक केद्रो बच्चो को 100/- रूपये प्रमिाह की दर से प्रतिवर्ष तिमाही आधार पर छात्रवृत्ति देने का प्रावधान भी इस योजना के अन्तर्गत है । यह योजना राज्य सरकार द्वारा समाज के निर्धपतम परिवार का आर्थिक सहायता पहुचाने के उद्देश्य से प्रारम्भ की जा रही है । इस य ोजनान्तर्गत बीमित परिवार के बीमित सदस्य के लिए बीमा की प्रिमियम राशि 200/- रूपये प्रति बीमित सदस्य प्रतिवर्ष निर्धारित है ।इस राशि में से 100/- रू राज्य सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम को भुगतान किया जायेगा 100/- रू का अंशदान भारत सरकार द्वारा स्थापित सामाजिक सुरक्षा निधि से किया जायेगा । इस योजना में लागू होने के साथ ही साथ राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना जिसके अन्तर्गत गरीबी की रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार के कमाऊ सदस्य की मृत्यु होने पर उसके परिवार को मात्र 1000/- रूपये के सहायता दिये जाने की व्यवस्था थी। यह योजना समाप्त हो जायगी तथा पन्नाधाय जीवन अमृत योजना जो गरीबी की रेखा से नीचे-यापन करने वाले परिवारों के लिए अधिक लाभप्रद है इस योजना का स्थान ले लेगी ।
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कार्य करने की विधी
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शहरी क्षेत्रों में अधिशाषी /आयुक्त/मुख्य कार्यकारी अधिकारी इस योजना के अन्तर्गत बीमित व्यक्ति के परिवार को लाभ दिलाने े संबंध में आवश्क दावा आवेदन पर/छात्रवृति आवेदन पत्र सूचनाएं भारतीय जीवन बीमा निगम को प्रेषित करने के लिए राज्य सरकार का अधिकृत प्रतिनिधि होगा ।
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भारतीय जीवन बीमा निगम अधिकृत कार्यालय का पता
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इस योजना के अन्तर्गत बीमा विकल्प पत्र बीमादावा आवेदन पत्र छात्रवृत्ति आवेदन पत्र भेजना एवं पत्र व्यवहार भारतीय जीवन बीमा निगम, पेंशन एवं सामृहिक बीमा इकाई,जीवन,प्रकाश द्वितीयतल,भवानी सिंह जयपुर से किया गया ।
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योजना का लाभ किसको मिलेगा
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1 पात्रता:- राजस्थान सरकार द्वारा गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की जारी की गई सूची में उल्लेखित परिवार का मुखिया, जिसकी आयु 18 वर्ष से 59 वर्ष (दोनों तिथियां सम्म्लिित तथा आयु पिछले जन्म्दिन पर) की बीच की हो । ऐसे परिवार के मुखिया की आयु 60 वर्ष से एक दिन भी अधिक होने की स्थिति में उसके परिवार कार्ड में उल्लेखित वरिष्ठतम (सबसे बड़ा) व्यक्ति पात्र होगा । मुखिया को यह भी विकल्प होागा कि चाहे तो अपने का बीमित कराये यामुख्य अजीविका कमाने वाले का बीमा कराये । मुखिया द्वारा इस सम्बध में दिया गया विकल्प पत्र योजना लागू होने के तीन माह की अवधि में सम्बन्धित नगर पालिक/नगर परिषद/नगर निगम के अधिशाषी अधिकारी/मुख्या कार्यकारी अधिकारी के माध्यम से भारतीय जीवन बीमा निगम के जयपुर कार्यालय में आवश्यक रूप से पहुच जाना चाहिए । कि जो व्यक्ति विकल्प दे रहा है, वह तथा जिसका बीमा प्रस्तावित किया गया है । वह दानों ही व्यक्ति बीमा कार्यालय में पहुचंने के समय तक जीवित होने चाहिए । विकल्प देने का प्रपत्र (अनुलग्नक-3) संलग्न है ।
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आयु का प्रमाणः-
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बी.पी.एल. सूची में जो आयु अंकित होगी वही मान्य होगी और यह आयु बी.पीएल. सूची के प्रावधान की दिनांक को मानी जायेगी ।
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मनोनयन
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बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसकी पत्नी अथवा पति को बीमा राशि भुगातन करने के लिए मनोनित माना जायेगा । बीमित व्यक्ति की पत्नी/पति के जीवित नहीं होने पर बीमित व्यक्ति के परिवार कार्ड में अंिकत सबसे बड़ी सन्तान को मनोनीत माना जावेगा । बीमित की पत्नी अथवा पति या किसी बच्चे के जीवित नहीं होने की स्थ्तिि में बी.पी.एल. परिवार की सूची में अंकित ऐसे परिवार के सबसे बड़े सदस्य का स्वतः नामितिकरण (नोमिनेशन) का प्रावघान हेे
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लाभ केसे देय होगा ।
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इस योजनान्तर्गत बीमित व्यक्ति के नामित सदस्य को निम्नाकिंत लाभ
देय होगा, जिसका भुगतान भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा किया जायेगा ।
ढइत ध्झ
1. सामान्य मृत्यु होने की दशा में 30 हजार रूपये ।
ढइत ध्झ
2. दुद्र्यटना होने पर 75 हजार रूपये ।ढइत ध्झ
3. मृत्यु होने पर 75 हजार रूपये ।ढइत ध्झ
4. स्थायी पूर्ण शारीरिक अपंगता होने पर 75 हजार रूपये ।
ढइत ध्झ
5. 2 आंखे या एक हाथ/पैर (लीम्ब) की क्षति होने पर 37500 हजार रूपये ।ढइत ध्झ
यहां पर दुर्घटना के कारण मृत्यु/स्थायी पूर्ण अपंगता का अर्थ मृत्यु अथवा अपंगता से
है, जो दुर्घटना होने से 3 कलेण्डर माह के मध्य की हो । इसमें कोई जानबूझकर स्वयं
को पहुचाई गई चोट, आत्महत्या का प्रयास अथवा शराब नशीले पदार्थो का सेवन, दंगे
सिविल कोमोशन विद्रोह आक्रमण, युद्ध शिकार के कारण लगी चोट, अथवा मृत्यु सम्मिलित
नही है ।
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आवेदन की प्रक्रिया क्या हैः-
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1. राज्य सरकार द्वारा भारतीय जीनव बीमा निगम के अधिकृत कार्यालय को गरीबी की
रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले व्यक्तियो की प्रमाणित सूची उपलब्ध कराई जायेगी । ढइत ध्झ
2. इस योजना के अन्तर्गत बीमित व्यक्ति को प्रीमियम का भुगतान
स्वंय के पास से नहीं करना है।ढइत ध्झ
3. बीमित व्यक्ति की मृत्यु हांेने की स्थिति में इय योजना के
अन्तर्गत दावा भारतीय बीमा निगम के अधिकृत कार्यालय में मृत्यु
की तिथि से 6 माह की अवधि में आवश्यक रूप से प्रस्तुत किया
जावेगा । दावा प्रस्तुत करने का प्रपत्र (अनुलग्नक-5) है ।
यह प्रपत्र शहरी क्षेत्र में अधिशशी अधिकारी/आयुक्त
/मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा बीमित व्यक्ति स्वयं पूर्ण कराकर
भारतीय करना होगा । जीवन बीमा निगम द्वारा नामित व्यक्ति के
खाते में बीमाराशि का चैक भेजा जायेगा बिल्मब की स्थिति
में दावा जीवन बीमा निगम द्वारा अस्वीकार करने का प्रावधान है
।अतः ऐसी स्थिति में शहरी
क्षे. में अधिशाषी अधिकारी/मुख्य कार्यकारी अधिकारी के
अत्तरदायित्व निर्धारण को आकर्षित करेगी ।
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दावा प्रस्तुत करते समय क्या-क्या दस्तावेज पेश करने होंगे ।
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1. मृत्यु प्रमाण पत्र - सामान्य एवं दुर्घटना की दशा में मृत्यु होने परढइत ध्झ
2. पोस्टमार्टम रिपोर्ट - दुर्घटना के कारण मृत्यु/स्थाई अपंगता की दशा में ढइत ध्झ
3. प्रथम सूचना - दुर्घटना के कारण मृत्यु/स्थाई अपंगता की दशा में ढइत ध्झ
4. पुलिस अवंक्षेण्ध रिपोर्ट - दुर्घटना के कारण मृत्यु/स्थाई अपंगता की दशा में ढइत ध्झ
5. अधिकृत सरकारी चिकित्सक दुर्घअना के कारण अपंगता द्वारा अपंगता प्रमाण पत्र ढइत ध्झ
(अ) स्थायी पूर्ण अपंगता (ब) अंगो की हानि/दृश्टिहीनता
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बीमित व्यक्ति के बच्चों को छात्रवृत्तिः-
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1. पन्नाधाय जीवन अमृत योजना के अन्तर्गत बीमित
सदस्यों को अपने बच्चों के लिए शिक्षा के
क्षेत्र में सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से भारतीय जीवन
बीमा निगम की जनश्री बीमा योजना के साथ शिक्षा सहयोग योजना
को लाभ भी दिया गया है । ढइत ध्झ
2. छात्रवृत्ति हेतु पात्रता:-ढइत ध्झ
(अ) बीमित सदस्य के 9वी,10वी,11वी,12वी, कक्षा में अध्ययनरत अधिकतम 2 बच्चों को देय है । ढइत ध्झ
(ब) अभिभावक का इस योजना के अधीन बीमित होना आवश्यक है । ढइत ध्झ
(स) छात्र के अनुत्तीर्ण होने की दशा में छात्रवृत्ति का भुगतान देय नही होगा । ढइत ध्झ
3. छात्रवृत्ति लाभः-ढइत ध्झ
(अ) रूपये 100 प्रतिमाह अथवा रूपये 300/- प्रतिमाह प्रति तिमाहि के आधर पर प्रतिवर्श 1200/- रूप्ये प्रतिछात्र किनुत अधिकत्म 4 वर्ष के लिए देय है । ढइत ध्झ
(ब) छात्रवृति का भुगतान शैक्षणिक वर्ष जून से मई तक की अवधि के लिए किया जाता है । वर्ष 2006-07 में छात्रवृति बीमा योजना प्रारम्भ होने की अगली तिमाही से 12 महिनों के लिये देय होगी ।ढइत ध्झ
प्रक्रिया
(अ) छात्रवृति हेतु कोई प्रीमियम देय नही है । शिक्षा सहयोग योजना भारत सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है ।छात्रवृत्ति का भुगतान भारत सरकार द्वारा स्थापित समाजिक सुरक्षा निधि से किया जाता है । ढइत ध्झ
(ब) आयुक्त/मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा चयनित छात्रों की सूचना भारतीय जीवन बीमा निगम को प्रस्तुत करने पर भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा छात्रवृति का भुगतान नगर निगम के माध्यम से बीमित सदस्य को किया जायेगा
(स) शहरी क्षेत्र में/अधिशाषी अधिकारी/आयुक्त/कार्यकारी अधिकारी बीमित यक्ति के छात्रों के छात्रवृत्ति फार्मो को स्वंय पूर्ण कराकर विद्यालय के संस्था प्रधान से प्रमाणित करवाकर भारतीय जीवन बीमा निगम के अधिकृत कार्यालय को
भिजवायेंगे ।
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प्रक्रिया
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(अ) छात्रवृत्ति हेतु कोई प्रीमियम देय नहीं हैं । शिक्षा सहयोग येाजना भारत सरकार द्वारा प्रायोजित येाजना है । छावृत्ति का भुगतान भारत सरकार द्वारा स्थापित सामाजिक सुरक्षा निधि से किया जाता है । ढइत ध्झ
(ब) आयुक्त/ मुख्य अधिकारी द्वारा चयनित छात्रों की सुचना भारतीय जीवन बीमा निगम को प्रस्तुत करने पर भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा छात्रवृत्ति का भुगतान नगर निगम के माध्यम से बिमित सदस्य को किया जायेगा । ढइत ध्झ
(स)शहरी क्षेत्र में /अधिशाषी अधिकारी /आयुक्त कार्यकारी अधिकारी बीमित व्यक्ति के छात्रों के छात्रवृत्ति फार्मो को स्वयं कराकर विद्यालय के संस्था प्रधान से प्रमाणित करवाकर भारतीय जीवन बीमा निगम के अधिकृत कार्यालय को भिजवायेंगे । ढइत ध्झ
(द) छात्रवृत्ति योजना में प्रयुक्त होने वाले आवेदन पत्र (अनुलग्नक-4) संलग्न है । ढइत ध्झ
(य) जीवन बीमा निगम द्वारा शहरी क्षेत्र के लिए सम्बन्धित स्थानीय निकाय के अधिशाषी अधिकारी / आयुक्त / मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भिजवाई जायेगी । शहरी क्षेत्र में अधिशाषी अधिकारी / आयुक्त / मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्राप्त छात्रवृत्ति से संबंन्धित छात्रों को भुगतान करने के लिए चैक द्वारा राशि एवं छात्रों की पूर्ण सूची (यथानाम पिता का नाम,पता कक्षा, छात्रवृत्ति की अवधि एवं राशि) जिस विद्यालय में छात्र अध्ययनरत है, उस विद्यालय के प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक को भिजवायेगा । प्रधानाचार्य / प्रधानाध्यापक छात्र को भुगतान कर रसीद की प्रति सम्बन्धित अधिशाषी अधिकारी / आयुक्त / मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भेजेगा । अधिशाषी अधिकारी / आयुक्त / मुख्य कार्यकारी अधिकारी छात्रवृत्ति का उपयोगिता प्रमाण प्त्र जीवन बीमा निगम कार्यालय को भेजेगा ।
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